चीन और अमेरिका के बीच चल रही टैरिफ जंग अब एक निर्णायक मोड़ पर आ गई है, जिससे वैश्विक व्यापार व्यवस्था में भारी उथल-पुथल देखी जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आने वाले उत्पादों पर 145% तक आयात शुल्क लगाने की घोषणा की, जिसे चीन ने WTO नियमों का खुला उल्लंघन बताया है। जवाब में चीन ने भी 84% तक टैरिफ लगाते हुए, कुछ अमेरिकी उत्पादों पर रोक लगाने का ऐलान किया है।
चीन के टैरिफ कमीशन और वाणिज्य मंत्रालय ने इस कार्रवाई को अमेरिका की "एकतरफा और आक्रामक नीति" के खिलाफ "प्रभावशाली जवाब" बताया है। साथ ही, चीन ने WTO में अमेरिका के खिलाफ आधिकारिक शिकायत भी दर्ज कराई है और बातचीत के जरिए समाधान की इच्छा जताई है।
इस टैरिफ विवाद का असर सिर्फ चीन तक सीमित नहीं रहा — अमेरिका ने 75 देशों पर टैरिफ लगाने की योजना बनाई है, जिनमें भारत भी शामिल है। हालांकि भारत को 90 दिनों की अस्थायी राहत दी गई है, लेकिन यह अस्थिरता अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक रिश्तों को कमजोर कर सकती है।
इस संघर्ष का भविष्य क्या होगा — समाधान की ओर बढ़ेगा या वैश्विक व्यापार को और अस्थिर करेगा — यह आने वाला समय बताएगा।